Thursday, August 1, 2013

हमारे प्रयास को जानें...


मानव कल्याण समिति रजि. का गठन -

मानव सेवा जिन्दगी का अभिन्न हिस्सा है। इसी उदेश्य को ध्यान में रख कर कस्बा जहॅागीराबाद, जनपद बुलन्दशहर उत्तर प्रदेष में एक पहल की गई। नगर के सम्भ्रांत और शिक्षित वर्ग को एकजुट करके एक रजिस्टर्ड गैर सरकारी संस्था मानव कल्याण समिति जहॅागीराबाद का गठन किया गया। गठन के समय सर्व धर्म के अनेक गणमान्य व्यक्तियों को संस्था से जोड़ने का सफल प्रयास किया गया। सिलसिला शुरू हुआ, जो अनवरत चलता रहा। जहॅागीराबाद जैसे पिछड़े माने जाने वाले कस्बे में प्रबुद्व वर्ग के एकजुट होने का संभवत ये पहला सफल प्रयास था। समाज को बदलने और आने वाले कल को बेहतर बनाने के लिए ढेरों प्रयास किये गए। शुरूआत नौनिहालों से हुई। निर्धन और विकलांग बच्चों को समय-समय पर निशुल्क शिक्षा मुहैया कराई गई। क्षेत्र के सैकड़ों बच्चों के कल को सुनहरा करने की ये एक सफल कोशिश थी। 

समाचार पत्र का प्रकाशन-
चरित्र दर्पण के प्रकाशन के 20 वर्श पूरे होने पर विशेषांक का विमोचन करते
श्री नवदीप रिणवा, डीएम बुलन्दशहर, के के भल्ला सीओ अनूपशहर एवं
रामभरत तिवारी एसडीएम अनूपशहर
स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा के अनावरण के कुछ समय बाद समाचार पत्र प्रकाशित करने के फैसला लिया गया। अखबार का शीर्षक सुझाया गया - चरित्र दर्पण। मकसद था समाज की सच्चाई सामने लाने का। 1992 से प्रकाशन शुरू हुआ। उस समय कस्बे के स्तर पर तकनीक अपेक्षाकृत ज्यादा विकसित नहीं थी, लेकिन प्रकाशन चलता रहा। पाक्षिक छपने वाला समाचार पत्र पाठकों के मन में जगह बना रहा था। इस बीच मीडिया का स्वरूप भी काफी बदला। पत्रकारिता के विविध रूप सामने आने लगे। पत्रकारिता का एक हिस्सा कब दलाली और पेड न्यूज में तब्दील हो गई, पता ही ना चल सका। इन सबके बावजूद ‘चरित्र दर्पण’ अपने सिन्द्वातों पर कायम रहा। ‘‘दलाली नहीं सच्ची पत्रकारिता’’ संपादक का मूल सिन्द्वात है, जिस पर संपादकीय टीम आज भी कायम हैं। समाज, प्रशासनिक व्यवस्था और मीडिया जगत के भ्रष्ट हिस्से से जुझते हुए अखबार ने अपने 20 साल का सफर पूरा कर लिया है। दो दशक का ये सुनहरा सफर आगे भी ऐसे ही जारी रहेगा और अखबार सच्ची पत्रकारिता करती रहेगी। समाचार पत्र में जनता से सरोकार रखने वाली तमाम अहम खबरों के अलावा स्वामी विवेकानन्द की वाणी-वचन भी प्रमुखता से प्रकाशित होती है।
       चरित्र दर्पण ने समाज में पत्रकारिता के माध्यम से अहम भूमिका निभाने की कोशिश की है। छोटे से कस्बे में सीमित संसाधनों के बीच निर्भीकता और निष्पक्षता के साथ समाचार पत्र के प्रकाशन के जरिए सामाजिक सोच बेहतर करने, भ्रष्टाचार उजागर करने, प्रशासन को कार्यवाही करने को मजबूर करने जैसे प्रयास किए जाते रहे हैं। कुछ पहल निम्नलिखित हैं

  • बीपीसीएल कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत से जनपद बुलन्दशहर में गलत तरीके से लग रहे पंप का खुलासा कर पंप निरस्त करने पर कंपनी को मजबूर किया ।
  • सर्वोच्च अदालत के फैसले को दरकिनार कर एवं उत्तर प्रदेश सरकार को गलत जानकारी देकर नगर पालिका परिषद जहांगीराबाद द्वारा किए गए तालाबध्पोखर की करोड़ों रूपये की 8,000 वर्ग मीटर जमीन के पटटे को सामने लाकर निरस्त करवाया।
  • चीनी मिल अनूपशहर द्वारा बिना शोधित किए गंदा पानी सीधा नाले में छोड़ा जा रहा था, जिससे क्षेत्र में संक्रमण फैल रहा था, साथ ही भूजल दूषित हो रहा था। आरटीआई के माध्यम से तमाम जानकारियों का खुलासा किया, जिसके बाद जिला प्रदुषण बोर्ड एवं स्थानीय प्रशासन के दबाव में चीनी मिल प्रशासन को जल शोधन प्लांट शुरू करने को मजबूर होना पड़ा। लाखों जिंदगियां अब सुरक्षित हैं।
  • बुलन्दशहर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से जहांगीराबाद में हो रहे अवैध निर्माण को सामने लाने के बाद कई अवैध निर्माणोंध् कालोनियों पर चला बुलडोजर।
  • नगर पालिका परिषद, जहांगीराबाद और रजिस्ट्रार कार्यालय, अनूपशहर की मिलीभगत के चलते बैनामा कराने से पहले नगर पालिका से नक्शा पारित कराना अनिवार्य था। इसके चलते स्थानीय नागरिकों को नगर पालिका के कर्मचारियों को रिश्वत देनी पड़ती थी। आरटीआई से सारी नियमावली की जानकारी मांगी गई तो खुलासा हुआ कि नक्शा पास कराना अनिवार्य नहीं है। इसके बाद नक्शा पास कराने की बाध्यता खत्म हुई और स्थानीय निवासियों को बड़ी राहत मिली।
  • आरटीओ कार्यालय, जनपद बुलन्दशहर में दलालों की सक्रियता पर रोक लगवाई।

भरोसा है आगे भी इसी तरह अनवरत रूप से कोशिशें की जाती रहेंगीं....

स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते
श्री गुलाब सिंह, एसएसपी बुलन्दशहर



मूर्ति की स्थापना -
मानव कल्याण समिति रजि. का कारवां बढ़ता रहा। अलग अलग मंजिलों पर लोग जुड़ते रहे और बिछड़ते रहे। लेकिन सफर थमा नहीं। समाज को दर्शन और अध्यात्म से जोड़ने के मकसद से अनेक कदम उठाए गए। इसी क्रम में युग प्रवर्तक स्वामी विवेकानन्द की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने का फैसला हुआ। सर्वसम्मति से हुए फैसले को तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों समेत नगर पालिका परिषद ज.बाद का अभूतपूर्व सहयोग मिला। क्षेत्र की जनता ने उम्मीद से ज्यादा आर्थिक सहयोग दिया, जिसके चलते युग प्रवर्तक स्वामी विवेकानन्द की आदम कद प्रतिमा की स्थापना बुलन्दशहर बस स्टैण्ड के नजदीक हो सकी। 





साहित्य केन्द्र का शुरूआत-
समाज को नई दिशा देने के मकसद से ही समिति द्वारा विवेकानन्द साहित्य केन्द्र नामक पुस्तकालय की पहल की गई है। इस पुस्तकालय में सभी धर्मों से जुड़ी पुस्तके संग्रहित की गई हैं। यहां मुख्यत स्वामी विवेकानन्द से संबधित साहित्य भी मौजूद है। धर्म और साहित्य के अलावा यहां समसामयिक, राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी पुस्तकें भी उपलब्ध है। जनसहयोग से शुरू हुआ नगर में ये पहला पुस्तकालय है। यहां पुस्तकें पढ़ने के लिए निशुल्क उपलब्ध हैं। क्षेत्र का प्रबुद्व वर्ग इस पुस्तकालय का लाभ उठा रहा है, जिससे समिति का मकसद भी साकार होता दिखता है।

निर्धनों को कंबल वितरण-
निर्धनों की सेवा ही संस्था का ध्येय है। इसी क्रम में प्रत्येक वर्ष सर्दियों में निर्धनों को कंबल वितरण कराया जाता है। इसके लिए हर वर्ष करीब 100 जरूरतमंद व्यक्तियों को चिन्हित किया जाता है। वर्षों से स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिन के पावन पर्व पर क्षेत्र के सांसद, चुने हुए अन्य जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में कंबल वितरण का कार्य आयोजित किया जाता रहा है।

चरित्र दर्पण द्वारा संचालित पुस्तकालय में अपनी रूचि की पुस्तकें तलाशते
श्री गुलाब सिंह, एसएसपी बुलन्दशहर
निर्धन-विकलांग को निशुल्क कोचिंग -
शिक्षा रूपी अनमोल ज्ञान के फैलाव के लिए संस्था विगत 20 वर्षों से सतत प्रयास करती रही है। निर्धन, विकलांग, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और खासकर छात्राओं को निशुल्क कोचिंग देने का पुण्य कार्य दशकों से निरंतर जारी है। इसका लाभ अब तक सैकड़ों छात्र-छात्राओं को मिल चुका है, जो समिति के सहयोग से अपना भविष्य संवार चुके हैं।

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